पीएम-आशा योजना: किसानों की आय में वृद्धि के लिए नई पहल
केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित कार्यान्वयन
पीएम-आशा योजना के तहत, शिवराज ने कहा कि किसानों को 35 हजार करोड़ का तोहफा देने के बाद मोदी कैबिनेट को आय बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। केंद्र सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) जैसे कार्यक्रमों को मिलाकर योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रभावशीलता में सुधार करने का प्रयास किया है।
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बजट और प्राथमिकताएँ
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना के तहत, 35,000 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य आवश्यक वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करना और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है। इसके अलावा, पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के लिए 24,475 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया है।
योजना का विस्तार
बैठक में मोदी-शिवराज ने एक अहम फैसला लिया, जिसके तहत पीएम-आशा योजना को 2025-2026 तक बढ़ाया जाएगा। यह योजना किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने और उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं की कीमतों को स्थिर रखने में सहायक होगी।
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कार्यान्वयन की दक्षता
इस योजना के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य अंतर भुगतान योजना (पीडीपीएस) शामिल हैं।
फसल खरीद का तंत्र
2024-2025 के बढ़ते मौसम से देश के 25% तक नामित फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पीएसएस के माध्यम से खरीदा जाएगा। ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसान इस खरीद का लाभ उठाएंगे।
आयात पर निर्भरता कम करना
केंद्र सरकार की ओर से 45,000 करोड़ रुपये की गारंटी के साथ इन फसलों की अधिकतम मात्रा एमएसपी पर खरीदी जा सकेगी, जिससे तिलहन और दलहन की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। विशेष रूप से टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) की फसलों पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके और उपभोक्ताओं के लिए कीमतें स्थिर रहें।
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