बाधाएं तोड़ना: फाइटर पायलट के रूप में शेलिजा धामी की यात्रा
एक प्रेरणादायक सफर: शेलिजा धामी की उपलब्धियां
ग्रुप कैप्टन शेलिजा धामी वायुसेना की पहली महिला फाइटर यूनिट कमांडर थीं। उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में अग्रिम लड़ाकू दस्ते का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त होने के बाद इतिहास रच दिया। शेलिजा धामी 2003 में वायुसेना में शामिल हुईं और हेलिकॉप्टर उड़ाने के साथ-साथ 2800 घंटे से अधिक उड़ान भरी है।
लुधियाना में जन्मी शेलिजा की मां और पिता दोनों सरकारी नौकरी में थे। पढ़ाई में अव्वल रहने वाली शेलिजा हमेशा से पायलट बनना चाहती थीं और 9वीं कक्षा में प्रवेश करते ही उन्होंने एविएशन में करियर बनाने का निर्णय लिया। वह भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट प्रशिक्षक भी रहीं और बाद में विंग कमांडर का पद संभाला।
2019 में, उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट की देखरेख की। ग्रुप कैप्टन शेलिजा धामी की वायु सेना में उपलब्धियों ने भारतीय वायु सेना में सेवारत महिलाओं की बढ़ती संख्या को प्रदर्शित किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सेना में महिला भर्ती का एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है।
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